घर बैठे सामुहिक नामस्मरण ऐसे करिऐ l दुख त्रासदी दुर होगी l



प्रातः छह बजे से लेकर रात के नौ बजे तक हर तीन घंटे में, पृथ्वी के हजारों साधकों के माध्यम से, "अनाहत रुद्र नादोक्त ब्रम्हांडीय नाम प्रवाह", "आत्मा" से सूर्य स्थित "परमात्मा" तक लौकिक ऊर्जा में बहुत व्यापक रूप से बह रहा है। मैं भी उस प्रवाह में बिना किसी इच्छा के उम्मीद के साथ भाग ले रहा हूं। ऐसी मजबूत धारणा बनाएं।



मन में नाम धारणा कैसे करें?

"सूर्यलोकस्थित महान सिद्ध महापुरुषों तक अपनी आत्मअनुभूति पहुँचाने के लिए मैं साधना कर रहा हूँ, इस सदृढ़ भावना से पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ यह मानसिक सेवा स्वयं दत्तमहाराजही करवाके ले रहे है" यह धारणा रखें।  शुरुआत में एक महीना यह नामसाधना करके अनुभव प्राप्त करें।

आज, हम पृथ्वी पर सभी नश्वर जीवोंऔर सूर्यस्थित परमेश्वर भगवान शिव के बीच की खाई को पाटने के लिए इस साधना को प्रकाशित कर रहे हैं। हमारी नाड़ी, यानी हमारी आत्मा की नब्ज, सदगुरु दत्तात्रेय स्वामी महाराज के चरणकमलों के निकट रहनेवाले परमात्मा के साथ जुड़ी हुई उस गाँठ को ब्रम्हगाँठ बनने हेतु ही यह सूक्ष्म साधना लिख रहे हैं।

साधना नाम मंत्र और विधी -
हर रोज सुबह 6 बजे से  श्री स्वामी समर्थ रात्रप्रहर सामुदायिक सेवा के माध्यम से SPIRITUAL UBUNTU सामुदायिक सेवा 6 समय चक्र में छह यानी 6 चक्रशुद्धिकरण हेतु  दिनभर में 6 बार सामूहिक स्तर पर केवल 1 माला का जाप 1700 से अधिक साधक कर रहे हैं।

प्रतिदिन सुबह 6 बजे से लेकर रात के 9 बजे तक हर तीन घंटो बाद सिर्फ तीन मिनिटों के लिए निम्न धारणायुक्त नाममंत्र का जाप करें।

  • 🔵 प्रथम मंत्र... ll ॐ काळभैरवाय नमः ll
  • 🔵 द्वितीय मंत्र... Il श्री स्वामी समर्थ ll

🔘आध्यात्मिक ऊबंटू नित्य समय। ( रेडीओ टाईम )

  • सुबह.. 6 बजे ठिक🕕 ( 1 माला या औसत समय ) हरदिन
  • सुबह... 9 बजे ठिक🕘 ( 1 माला या औसत समय ) हरदिन
  • दोपहर... 12 बजे ठिक🕛 ( 1 माला या औसत समय ) हरदिन
  • दोपहर... 3 बजे ठिक🕒 ( 1 माला या औसत समय ) हरदिन
  • शाम... 6 बजे ठिक🕧 ( 1 माला या औसत समय ) हरदिन
  • रात... 9 बजे ठिक🕘 ( 1 माला या औसत समय ) हरदिन

▶सामूहिक प्रार्थना के लिए स्थानबंधन नहीं है।
▶सामूहिक प्रार्थना के लिए परिस्थिति बंधन नहीं है।

👉👉👉 अगर समय चूक गया तो सामूहिक सेवा भी चुक गई यह समझ लीजिए।

सभी साधना के समय का हर दिन 100 % पालन किया जाना चाहिए ऐसा कोई बंधन नहीं है। यथाशक्ति जितना सहज आसानी से  कर सकते है उतना करें।


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