नियमित रूप से यह साधना ५१ दिन तक करने पर महाकाली का अनुग्रह प्रत्यक्ष मिलता है।

नवार्ण मन्त्र की साधना दुर्गासप्तशती का मूलमन्त्र नवार्ण मन्त्र है।  इसमें नौ अक्षर होने से यह नवार्ण कहा जाता है।  नवार्ण मन्त्र के सम्बन्ध में गुरु-परम्परा से यह मत प्रचलित है कि "निर्गुण और सगुण दोनों प्रकार के ब्रह्मतत्त्वों का प्रकाश शक्ति मन्त्र नवार्ण मन्त्र से ही होता है।  निर्गुण ब्रह्म का प्रकाश गायत्री मन्त्र में है और सगुण ब्रह्म का प्रकाश (रूप) दुर्गा के इस नवार्ण मन्त्र में है।  दोनों ही शक्ति मन्त्र हैं।  इन दोनों की साधना से जितने भी मन्त्र (३३ करोड़) हैं,  वे सब सिद्ध होते है।


नवार्ण मन्त्र : ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।

दत्तप्रबोधिनी न्यासद्वारा साधना विधि--  एक चौरस ताम्रपत्र बनवाकर उस पर अनार की कलम और लाल चन्दन से षट्कोण बनाया जाय।  मध्य में ऐं ह्रिं क्लीं लिखा जाए।। शेष वर्णो को छह कोणों में लिखा जाए।  यन्त्र के मध्य में फूल,  बत्ती का दीपक रख कर ॐ देवी दीपाधाराय यन्त्राय नमः पढ़ते हुए यन्त्र का पूजन पंचोपचार से करे।  फिर नवार्ण मन्त्र से दीप-ज्योति में भगवती दुर्गा का आवाहन, प्राणप्रतिष्ठा अक्षत छिड़कते हुए की जाए।

तदनन्तर --

           नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नमः।
           नमः प्रकृत्यै भद्रायै नियताः प्रणताः स्म ताम् ।।



ध्यान
विद्युद्दाम समप्रभां मृगपतिस्कन्धस्थितां भीषणाम् ।
कन्याभिः करवालखेट विलसध्दस्ताभिरासेविताम् ।।
हस्तैश्चक्र गदालिखेट विशिखांश्चापं गुणं तर्जनी म् ।
विभ्राणामनलात्मिकां शशिधरां दुर्गा त्रिनेत्रं भजे ।।

दत्तप्रबोधिनी न्यासद्वारा ध्यान के बाद नवार्ण मन्त्र का जप करना चाहिए।  जप एक नियत संख्या में प्रतिदिन इतना किया जाए कि २१ दिन में एक लाख जप पूरा हो जाए।  एक लाख जप पूरा होने के बाद दशांश हवन करना चाहिए। 

अत्यंत महत्वपुर्ण सुचना : 
सभी तंत्रयामल क्रीयाऐं सद्गुरु मार्गदर्शन में सहभागी होकरही अपनें जीवनमें प्रयुक्त करें l

संपर्क : श्री. कुलदीप निकम 
Dattaprabodhinee Author )


भ्रमणध्वनी : +91 9619011227 
Whatsapp Or Sms Only )

ईस विषय से अनुरुप महत्वपुर्ण पोस्टस्...


GET FRESH CONTENT DELIVERED BY EMAIL:


FOR JOINING WITH US VISIT: दत्तप्रबोधिनी सदस्यता जानकारी


Cure Problems With Divine Powers. 100s Of People Cured ! Chakra Healing balancing. Ancient Indian Science. Based on Ashtaang Yog. Learn Yogic Healing. Types: Learner's Workshops, Stress Management, Divine Karma Cleansing, Mind empowerment, Chakra Balancing. - Visit Website Here !


Embed दत्तप्रबोधिनी हिंदी on Your Site: Copy and Paste the Code Below





एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

email-signup-form-Image
email-signup-form-Image
0