अच्छा पति पाने के लिए अनुभवसिद्ध अत्यंत प्रभावी श्रीकृष्ण गोपाल व्रत


मनपसंद विवाह होकर अच्छा पति मिले इसलिए यह व्रत कुँवारी लड़कियों द्वारा किया जाता है।  किसी रविवार की शाम को, पावसेर अछेर (ताजा गाय या भैंस का दूध) दूध अलग से लाएं (रोजाना घर में आने वाले दूध में से नहीं लेना है) और इसे गरम करके दही जमा दीजिए।



सोमवार के दिन सुबह स्नान  करके सफेद साड़ी और ब्लाउज पहनना चाहिए। हो सकें तो बालों में सफेद फूल लगा लें। प्रसन्न मन से, उस दही को रवी की सहायता से फेंट कर जितना निकल सकता है उतना ही मक्खन निकालकर  चांदी की कटोरी जिसमें भोग लगाया जाता है उस में रखें ( अगर चांदी की कटोरी न हो, कोई और कटोरा इस्तेमाल किया जा सकता है)।  और उसपर दो तुलसी पत्र एवं उस पर 2-4  मिश्री की गाँठे रखकर मन ही मन गोपालकृष्ण जी को भोग लगाएं।  फिर  प्रार्थना करें की, "गोपालकृष्ण, मैं तुम्हारी एक बेटी हूं। मेरा विवाह को अच्छी तरह संपन्न करके मुझे पति-सुख का लाभ मिले एवं सौभाग्य के लिए यह नैवेद्य (भोग) आपको अर्पण कर रही हूँ।  इसे ग्रहण करके मेरी मनःकामना पूरी कीजिए यह प्रार्थना है।"  बाद में मक्खन -मिश्री खुद खाएं किसी और को न दें।   ऐसे चार सोमवार व्रत कीजिए।

चौथे सोमवार को, जैसा कि ऊपर बताया गया है उसी तरह भोग लगाएं,  घर में बहुत ही  खुशी का माहौल होना चाहिए।  खाने में कुछ मीठा बनाएं एवं थाली तैयार करके गोपालकृष्ण जी को भोग लगाएं।  फिर में गोग्रास डालिये (गे को भोजन दीजिये) और कुत्ते को चतकोर-आधी रोटी या पराठा खिलायें। संभव हों तो  पक्षियों के लिए रोटी-पराठे के टुकड़े बनाकर रख दें। उस दिन अन्य लोगों को भोजन पर आमंत्रित न करें।

मासिक धर्म की समस्या होने पर अगले सोमवार को उपवास करना चाहिए। चार सोमवार को फिर से व्रत करने की आवश्यकता नहीं है।

भगवान गोपालकृष्ण को इस तरह से प्रसन्न करने के बाद, यह निश्चित है कि वह परमात्मा लड़की के पीछे खड़े होकर उसका कल्याण करेगें और उसे आशीर्वाद देंगे। मैंने कई महिलाओं को यह व्रत बताया है और  सभी को आश्चर्यकारक (अद्भुत) अनुभव  (परिणाम) मिला है  यह लिखते हुए खुशी हो रही है।  बहनों,  आप भी इस बिना खर्च वाले और बहुत ही प्रभावी व्रत का पालन कर के खुश रहें!


निम्नलिखित सूचनाएं याद रखें


  • 1।  सोमवार को व्रत (उपवास) करना आवश्यक नहीं है। हालांकि, उस दिन प्याज और लहसुन नहीं खाना चाहिए।
  • 2।  सफ़ेद या बिना नमक के खाद्य पदार्थही खाए बिना नियमित भोजन करें।
  • 3।  अंतिम दिन, व्रत करने वाली बहन ने मीठा खाना जरूर खाना चाहिए,  उस दिन उपवास करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
  • 4।  मक्खन निकाले जाने के बची हुई छाँछ की कढ़ी बनाकर सभी लोग खाएं।
  • 5।  व्रत बड़ी ही श्रद्धा से किया जाना चाहिए। सोमवार को, गोपालकृष्ण हमारे  पिता है यह भावना दिनभर मन में रखें। तुरंत ही शुभ अनुभव (परिणाम) प्राप्त होगा।
  • 6।  रात के समय सफेद साड़ी आदि बदल सकते हैं।

संपर्क : श्री. कुलदीप निकम 
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भ्रमणध्वनी : +91 9619011227 
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