ईस वाहन यंत्र कें विनियोग से बाईक कार दुर्घटना होनेसे खुद को बचाईऐ l


आकस्मिक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बाइक, कारों और भारी वाहनों के लिए सुरक्षात्मक प्रभावी 'वाहन यंत्र' - अवश्य पढ़ें। आज सड़क पर किसी भी वाहन को सुरक्षित रूप से चलाना विशेष रूप से भारी यातायात और एक्सप्रेस वे पर बेहद कठिन हैं। अधिकांश समय आपकी गाड़ी चलाते समय कोई भी गलती न होने पर भी आसपास से या पीछे से कोईभी गाड़ी को टक्कर मारता है अथवा क्षति पहुँचाता है, ऐसी घटनाएं होती रहती है।



मेरे देखने में, कुछ जगहों पर अदृश्य शक्तियों द्वारा दुर्घटना को अंजाम दिया गया है यह देखा गया है। इस तरह की नकारात्मक ऊर्जा बाइक चालक को,  कार के चालक को समय के  (काल के) गर्त में खींच ले जाते हैं। इस नकारात्मक शक्ति को 'तुलपा' कहा जाता है। यह शक्ति जहां तीन सड़कें, चार सड़कें या अधिक सड़कें एकत्रित होती हैं वहाँ जमीन के अंतर्गत वास करती है।

एक तरह की काली छाया के रूप में, बहुत से खिंचे गए प्रेत पिशाच एक साथ इकट्ठा होकर तुलपा समूह का निर्माण होता है इसकी उच्चतम स्तर की संचरण शक्ति हर रात औसतन 12 से 3 और  दोपहर 12 से 3 के बीच होती है। ऐसे समय में वाहनों को  जरा संभलकर चलाना चाहिए।

आज सभी लोग कोई न  कोई वाहन तो चलाते ही हैं।  इसीलिए वाहन चलाते समय कोई दुर्घटना न हो इसलिए दत्तप्रबोधिनी ट्रस्ट के माध्यम से निम्नलिखित उपायों को प्रकाशित कर रहे हैं।

एक कोरा मोटा कागद लेकर उसपर दिया गया यंत्र बनाइए।


यह यंत्र पीढ़े पर रख कर उसके सामने बैठिए,  फिर चौकट में से एक आंकड़े पर उंगली रखें और निम्नलिखित मंत्र जितना आंकड़ा वहाँ होगा उतनी संख्या का जप (जाप) करें। जैसे सात के आंकड़े पर उंगली रखना यानी सात बार जप (जाप) होना चाहिए।

मंत्र


" अंजनीसुत हनुमान रक्षतु रक्षतु स्वस्ति "


ऐसे प्रत्येक चौकट पर एक उंगली रख कर मंत्रोच्चार करना चाहिए फिर हिरदा(एक तरह का आयुर्वेदिक फल या मूल) को पानी के साथ पत्थर पर  घिस कर उसका गंध तैयार करें। और इस गंध को हर चौकट पर समर्पित करें। अगरबत्ती से  पूजा करने के बाद रुई के सूखे पत्तों को जलाक धूप दिखाइए। फिर उस यंत्र को  फुटाने (भुने हुए सूखे पिले मटर) गुड़ का भोग लगाइए।  इतना होने के बाद इस यंत्र को तह कर के  (घड़ी कर के)  लाल कपड़े में कसकर सील लें।

वाहन चलाते समय इसे हमेशा जेब में रखना चाहिए। वाहन को न बांधें। हनुमान देवता चालक की रक्षा करते हैं। यह यंत्र किसी भी पूर्णिमा को बनाया जाना चाहिए। चार पूर्णिमा के बाद फिरसे नया यंत्र बनाना जरूरी है।

ड्राइवर के साथ वाहन में बैठने वाले व्यक्तियों ने भी इस यंत्र को धारण करने से कोई परहेज नहीं। टैक्सी ड्राइवरों, रिक्शा चलाने वाले और पायलट ने इस यंत्र का उपयोग करके आकस्मिक घटनेवाली दुर्घटनाओं से बचना चाहिए। इस यंत्र के पास रखने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। सिर्फ गाड़ी पर बैठते समय (या गाड़ी मैं बैठते समय) यंत्र को जेब से निकालें और कुछ क्षणों के लिए यंत्र को देख कर मंत्र का स्मरण करके फिर यंत्र को वापस जेब में रखें।

श्रीरामदुत मारुती की अगम्य शक्तीपर श्रद्धा और विश्वास रखें।

संपर्क : श्री. कुलदीप निकम 
Dattaprabodhinee Author )


भ्रमणध्वनी : +91 9619011227 
Whatsapp Or Sms Only )

ईस विषय के अनुरुप महत्वपुर्ण पोस्टस्...


GET FRESH CONTENT DELIVERED BY EMAIL:


FOR JOINING WITH US VISIT: दत्तप्रबोधिनी सदस्यता जानकारी


Cure Problems With Divine Powers. 100s Of People Cured ! Chakra Healing balancing. Ancient Indian Science. Based on Ashtaang Yog. Learn Yogic Healing. Types: Learner's Workshops, Stress Management, Divine Karma Cleansing, Mind empowerment, Chakra Balancing. - Visit Website Here !


Embed दत्तप्रबोधिनी हिंदी on Your Site: Copy and Paste the Code Below



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

0