श्मशान जागरण की गोपनीय विधि: एक सिद्ध तांत्रिक प्रयोग

 

भारतीय तांत्रिक परंपरा रहस्यों से भरी हुई है। इनमें सबसे अधिक गोपनीय और रहस्यपूर्ण साधनाओं में से एक है — श्मशान साधना। यह न केवल तांत्रिक ऊर्जा को जागृत करती है बल्कि साधक को असाधारण सिद्धियाँ भी प्रदान कर सकती है। हालांकि यह साधना भयावह, साहसिक और अत्यंत गोपनीय होती है, फिर भी अनेक साधक इसे विशिष्ट तांत्रिक उद्देश्यों के लिए करते हैं।



⚰️ श्मशान को "जागृत" क्यों करना होता है?

  • तान्त्रिक साधना के कुछ विशेष प्रयोग ऐसे होते हैं जिन्हें निष्पादित करने के लिए पहले श्मशान की ऊर्जा को जाग्रत करना पड़ता है। यह कोई सामान्य प्रक्रिया नहीं है — यह एक गूढ़ और शक्तिशाली क्रिया है, जिसमें श्मशान के आत्मिक और ऊर्जात्मक स्तर को सक्रिय किया जाता है।
  • जब यह विधि सही मंत्रों और सुरक्षा चक्रों के साथ की जाती है, तो श्मशान जागृत हो उठता है l एक ऐसा अनुभव जो शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।


🌑 श्मशान जागरण की गोपनीय विधि


  • समय: कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी से लेकर अमावस्या तक की रात्रियाँ
  • स्थान: किसी भी श्मशान भूमि का मध्य भाग
  • समय: मध्य रात्रि (लगभग 12 बजे के बाद)
  • मुख दिशा: पश्चिम की ओर


विधि:

श्मशान के मध्य भाग में पश्चिम की ओर मुंह कर बैठें।

अपने चारों ओर लोहे के चिमटे से सुरक्षा चक्र बनाएं — हर बिंदु पर भगवान शिव का नाम लें।



इसके बाद निम्न मंत्र का उच्चारण करें:


मंत्र:

क्रीम क्रीम कालिके भूतनाथाय रौद्र रूपाये भूत प्रेत पिशाच जाग्रत स्मशान क्रीम क्रीम कालिके फट स्वाहा।

इस मंत्र का जप करते हुए साधक कुछ ही समय में महसूस करता है कि वातावरण में एक अदृश्य परिवर्तन हो रहा है — श्मशान जागृत हो रहा है।


🪔 "मंत्र राज" और दीपक साधना: एक शक्तिशाली तांत्रिक साधना

यदि साधक इस मार्ग पर आगे बढ़ना चाहता है, तो वह "मन्त्र राज" की साधना कर सकता है — यह एक अत्यंत शक्तिशाली और सिद्धिदायक मंत्र है।


आवश्यक सामग्री:

  • सफेद वस्त्र
  • 4 दीपक (मिट्टी के या अन्य प्रकार के)
  • आसन
  • माला (किसी भी प्रकार की)


साधना विधि:


  • किसी शुक्रवार की अर्धरात्रि को स्नान करें।
  • दक्षिण दिशा की ओर मुख करके सफेद वस्त्र धारण करें।
  • चारों ओर दीपक जलाएँ और चौक के बीच में आसन लगाएँ।
  • ध्यान केंद्रित कर निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:


ध्यान मंत्र:


प्रों क्लीं ओं ऐं ई स्व भूं हीं त्रिं फट।

यह जप तीन रातों तक किया जाता है।

दीपकों में कोई भी प्रकार का तेल (सरसों, तिल, घी आदि) भरा जा सकता है।

जाप समाप्त होने के बाद दीपकों को अगले दिन फिर से प्रयोग में लाया जा सकता है।


⚠️ सावधानियाँ और चेतावनी


  • यह साधना केवल उन्हीं के लिए है जिनके भीतर असाधारण साहस और मानसिक स्थिरता है।
  • बिना गुरु की अनुमति या मार्गदर्शन के यह साधना न करें।
  • सुरक्षा चक्र और विधि का पालन न करने पर दुष्परिणाम हो सकते हैं।
  • यह केवल शक्ति प्राप्ति के लिए हो, ना कि अहंकार या विनाश के लिए।


✨ निष्कर्ष


श्मशान साधना तंत्र मार्ग की सबसे रहस्यमयी और शक्तिशाली साधनाओं में से एक है। यह न केवल आत्मिक शक्ति को जागृत करती है, बल्कि साधक को एक गहन अनुभूति और अनुभव प्रदान करती है जो आम जीवन से परे है। परन्तु, यह साधना उसी के लिए है जो इसे पूरी श्रद्धा, विधिपूर्वक और गुरु की अनुमति से करे।

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